औरैया। वर्ष 1998 में दिबियापुर थाना क्षेत्र के गांव गुलरिहा में हुई डकैती और हत्या के मामले में 27 साल बाद फैसला सुनाया गया। अभियुक्त हुसैन खान को विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम) और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सैफ अहमद ने निर्दोष करार दिया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता मो. इश्तियाक खान की दलीलों के आधार पर यह फैसला सुनाया गया।
घटना 14 दिसंबर 1998 की है, जब गुलरिहा गांव में बदमाशों ने एक घर में डकैती के दौरान जमकर लूटपाट की और एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने जांच के दौरान 10 लोगों को आरोपी बनाया, जिनमें खेरिया पाटिकरा, थाना जसराना, जिला फिरोजाबाद निवासी हुसैन खान पुत्र बख्शी भी शामिल थे। हुसैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन वह जमानत पर रिहा हो गए थे।

न्यायालय ने 4 अक्टूबर 2024 को हुसैन खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 396 (डकैती के साथ हत्या), 120बी (आपराधिक साजिश), और 323/109 (मारपीट/उकसावे) के तहत आरोप तय किए। हुसैन ने आरोपों से इनकार करते हुए विचारण की मांग की। न्यायालय ने गवाहों को बुलाया और साक्ष्य संकलन के बाद सुनवाई की।
विशेष न्यायाधीश सैफ अहमद ने सरकारी वकील और बचाव पक्ष के अधिवक्ता मो. इश्तियाक खान की दलीलें सुनने के बाद हुसैन खान को सभी आरोपों से बरी कर दिया। 27 साल बाद आए इस फैसले की स्थानीय लोगों ने सराहना की।