जालौन। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कोंच विकासखंड के ग्राम चमेड़ में स्कूली छात्राओं की पहल ने पूरे गांव के लोगों के चेहरे पर खुशी ला दी है। ग्राम चमेड़ की स्कूली छात्राओं ने गांव की जर्जर सड़क से परेशान होकर एसडीएम और मंडी सभापति को शिकायती पत्र दिया था, जिसके बाद सड़क निर्माण के लिए 49.85 लाख का बजट पास हो गया है।
स्कूली छात्राओं कविता कुमारी, दीक्षा, शिल्पी, साक्षी, सेजल, नंदनी और चंचल ने दो माह पहले एसडीएम और मंडी सभापति ज्योति सिंह को शिकायती पत्र दिया था। एसडीएम ने छात्राओं की शिकायत को गंभीरता से लेकर मंडी समिति से प्रस्ताव बनवाकर भिजवाया था।

एसडीएम ज्योति सिंह ने मंडी सचिव सोनू के साथ गांव पहुंचकर बच्चों और ग्रामीणों को सड़क निर्माण के लिए बजट पास होने की जानकारी दी। इतना सुनकर पूरे गांव के लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे। एसडीएम ने शिकायत करने वाली बच्चियों का हौसला बढ़ाया और बताया कि चमेड़ से ग्राम जुझारपुरा तक 1.46 किलोमीटर डामरीकरण सड़क के लिए मंडी समिति से 49.85 लाख का बजट पास हुआ है।
ग्रामीणों ने स्कूली छात्राओं की पहल की सराहना की और कहा कि सड़क निर्माण से गांव के विकास को बढ़ावा मिलेगा। ग्रामीणों ने बताया कि जर्जर सड़क के कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब सड़क निर्माण के बाद इन परेशानियों से निजात मिल जाएगी।

स्कूली छात्राओं ने बताया कि उन्होंने परेशान होकर एसडीएम का दरवाजा खटखटाया था और आज एक बड़ी समस्या गांव वालों की दूर होने जा रही है। उन्होंने एसडीएम मेडम ज्योति सिंह का भी बड़ा सहयोग बताया है कि उन्होंने उनकी समस्या को गंभीरता से लिया और जर्जर सड़क के लिए बजट पास भी कराया। स्कूली छात्राओं ने बताया कि अब वे गांव की अन्य गंभीर समस्याओं को उठाएंगी, जिसका लाभ उन्हें ही नहीं बल्कि पूरे गांव को मिलेगा।
गांव की महिला सुषमा देवी का कहना है कि गांव के विकास के लिए सड़क बहुत जरूरी है। जर्जर सड़क का असर गांव के विकास के साथ बच्चों की शिक्षा पर भी पड़ता है। अगर गांव की सड़क सही नहीं है तो बच्चे स्कूल कैसे आ-जा पाएंगे। इस बच्चियों ने गांव के लोगों को आईना दिखाया है कि बिना प्रयास के कोई सफलता नहीं मिलती है।
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