जसवंतनगर (संवाददाता : पंकज राठौर) इटावा। विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा संगठन के तत्वाधान में जिलाध्यक्ष शाहिद खान के नेतृत्व में विकास खंड सभागार में गोष्ठी आयोजित की गई। अतिथियों के स्वागत सम्मान के बाद संगठन पदाधिकारियों का सम्मान भी किया गया। प्रमुख विषय रहा कि मानवाधिकारों की रक्षा तभी संभव है जब समाज में जागरूकता बढ़े और सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे।
मुख्य अतिथि खंड विकास अधिकारी उदयवीर दुबे ने कहा कि मानवाधिकार केवल किताबों में नहीं, बल्कि जीवन में उतरने चाहिए। शिक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण, साफ पानी और महिलाओं की सुरक्षा मानवाधिकारों का मूल आधार हैं। उन्होंने कहा कि योजनाओं की सफलता का वास्तविक पैमाना गांव के अंतिम व्यक्ति को लाभ पहुंचना है।
विशिष्ट अतिथि सामाजिक विशेषज्ञ प्रेम कुमार शाक्य ने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा केवल कानून नहीं, बल्कि मानवता से जुड़ी जिम्मेदारी है। किसी के साथ अन्याय न हो, बीमारी, गरीबी और संकट में लगे लोगों की मदद हो, यही वास्तविक मानवाधिकार है। उन्होंने कहा कि दूसरों के हित में किये गये छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि एडीओ पंचायत देवेंद्र पाल सिंह ने कहा कि मनरेगा, वृद्ध पेंशन, प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छता अभियान और जीवनोपयोगी योजनाएँ किसी की भी गरिमापूर्ण जिंदगी का अधिकार सुनिश्चित करती हैं। एडीओ आईएसबी महेश सिंह ने कहा कि मानवाधिकारों का सम्मान तभी होगा जब पात्रों को उनका अधिकार समय पर मिले।
कार्यक्रम का संचालन जिला उपाध्यक्ष एडवोकेट अर्चना शाक्या ने किया। महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष नीलम यादव, जिला उपाध्यक्ष रश्मि यादव, महिला प्रकोष्ठ मैनपुरी जिलाध्यक्ष नीतू यादव, तहसील अध्यक्ष उपासना देवी, तहसील अध्यक्ष मनीष कुमार, प्रियंका कुमारी, तहसील उपाध्यक्ष लौंगश्री, जिला मंत्री सुमित सहित संगठन के अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में संकल्प लिया गया कि कमजोर, जरूरतमंद और उपेक्षित वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए समाज और प्रशासन मिलकर कार्य करेगा, यही विश्व मानवाधिकार दिवस का वास्तविक संदेश है।