सड़क पक्की है या कच्ची?, राहगीरों को दिखाई ही नहीं दे रही, सड़क पर निकलना हो रहा दुशवार

  • अधिक धन पैदा करने के चक्कर में ठेकेदारों ने जन् सेहत को खतरे में डाला।
  • सिल्ट उठान ने बिगाड़ी रोड की सूरत, स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी।

इटावा (संवाददाता : पंकज राठौर)। जसवंतनगर से बलरई जाने वाले रास्ते पर नहर और बंबा से सिल्ट हटाने के लिए ठेके पर कराए जा रहे कार्य ने जसवंतनगर से बलरई क्षेत्र को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण रोड की हालत बद से बदतर कर दी है। सिल्ट उठाने वाले ठेकेदारों की लापरवाही के चलते करीब दस किलोमीटर लंबी डामरयुक्त पक्की सड़क अब कच्चे मिट्टी मार्ग में तब्दील हो चुकी है। धूल के गुबार राहगीरों को सांस लेने में भी परेशानी पैदा कर रहे हैं।

यह मार्ग बलरई, बाउथ, तिजोरा, बीबामऊ, नगला तौर, राजपुर, बहोरीपुर, निजामपुर, नगला रामसुंदर, नगला सलहदी, नगला विशुन, घुराह, जाखन, सरामई, कछपुरा, लुंगे की मड़ैया, पूछरी, खदिया, फकीरे की मड़ैया सहित फिरोजाबाद जिले के भदान नगला खंगर, गदोखर, मई नगला जोरे, नगला गुलाल और उरावर गांवों को जोड़ते हुए भोले बाबा मंदिर बटेश्वर तक जाता है। इस सड़क से रोजाना सैकड़ों दोपहिया और चार पहिया वाहन गुजरते हैं। साथ ही करीब दो दर्जन स्कूली वाहन और बड़ी संख्या में छात्र साइकिल व मोटरसाइकिल से इसी मार्ग से आवागमन करते हैं। सिल्ट और मिट्टी फैलने से उड़ती धूल लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। राहगीरों और कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों के कपड़े धूल से सने रहते हैं वहीं आंखों में मिट्टी जाने से एलर्जी और जलन की शिकायतें बढ़ गई हैं।

  ठेकेदारों द्वारा अधिक से अधिक धन पैदा करने के लिए जिस प्रकार ओवरलोडिंग कर मिट्टी की ढुलाई की जा रही है उससे सबसे ज्यादा परेशानी  स्कूली बच्चों को उठानी पड़ रही है। अभिभावकों ने ठेकेदारों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए प्रशासन से सड़क की तत्काल मरम्मत और ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो जन आंदोलन किया जाएगा।

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