Auraiya News: आवास योजना के तहत लाभार्थी से रिश्वत की मांग, ग्राम प्रधान के बेटे पर आरोप

MiH News
4 Min Read

उत्तर प्रदेश के औरैया जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जहां सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका एक और उदाहरण सामने आया है। मुख्यमंत्री आवास योजना के द्वारा गरीबों को पक्का घर देने का वादा करती है, वहां एक दिव्यांग महिला लाभार्थी ने रिश्वत की मांग और धमकियों का आरोप लगाया है। यह मामला न सिर्फ योजना की साख पर सवाल उठाता है, बल्कि गरीबों के शोषण को भी उजागर करता है।

औरैया जिले के अछल्दा ब्लॉक के पुर्वा आशा क्षेत्र के गांव मोहनपुर मौजा की है। यहां की निवासी बेबी देवी पत्नी शिवसिंह ने ग्राम प्रधान विमला देवी के पुत्र सुधीर कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बेबी देवी और उनके पति दोनों पैरों से दिव्यांग हैं और अत्यंत गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इनकी स्थिति ऐसी है कि वे बुनियादी जरूरतों के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री आवास योजना (जो प्रधानमंत्री आवास योजना का राज्य स्तरीय रूप है) के तहत इन्हें पक्का घर बनाने के लिए कुल 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि मिलनी थी। बेबी देवी के अनुसार, उन्हें अब तक दो किस्तों में 1 लाख 10 हजार रुपये प्राप्त हुए हैं, जिससे उन्होंने घर का निर्माण शुरू किया। घर जब लिंटर (छत) के स्तर पर पहुंच गया, तब तीसरी किस्त जारी करवाने के बदले सुधीर कुमार ने उनसे 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। इससे पहले उन्होंने योजना की राशि प्राप्त करने के लिए सुधीर कुमार को 20 हजार रुपये पहले ही दे दिए थे।

1003865158
प्रार्थना पत्र की छायाप्रति

बेबी देवी ने बताया कि जब उन्होंने रिश्वत देने से इनकार किया, तो सुधीर कुमार और उनके पिता ने उन्हें गाली-गलौज दी और जेल भेजने की धमकी दी। सुधीर ने यह भी कहा कि यदि पैसे नहीं दिए गए, तो तीसरी किस्त रोक दी जाएगी और अधिकारियों को पैसे देकर मामला दबा दिया जाएगा। यह सब 8 महीने पहले शुरू हुई राशि प्राप्ति से जुड़ा है, लेकिन अब तक कोई राहत नहीं मिली है। महिला का कहना है कि यह खुला भ्रष्टाचार है, और स्थानीय प्रशासन से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

यह सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं है। यह उन लाखों गरीबों की व्यथा दर्शाता है, जो सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भ्रष्टाचार का शिकार बनते हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना का उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को पक्के घर प्रदान करना, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें। योजना के तहत लाभार्थियों को तीन किस्तों में राशि दी जाती है – पहली किस्त नींव के लिए, दूसरी दीवारों के लिए, और तीसरी छत व फिनिशिंग के लिए। लेकिन यहां जैसे मामले सामने आते हैं, वे योजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हैं।

गांववासी बताते हैं कि ग्राम प्रधान और उनके परिवार की दबंगई के कारण कई लोग चुप रहते हैं। बेबी देवी ने खंड विकास अधिकारी से इस मामले की गहन जांच की मांग की है और ग्राम प्रधान विमला देवी व उनके पुत्र सुधीर कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की है। यदि जांच में आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह न केवल भ्रष्टाचार का मामला बनेगा, बल्कि दिव्यांगों के खिलाफ उत्पीड़न का भी।

Share This Article
Follow:
MiH News का मुख्य उद्देश्य है आप लोगो तक ताज़ा जानकारी को सबसे तेज और सबसे पहले पहुँचाना है। हम तेज़ और सटीक समाचार प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं।
error: Content is protected !!