जसवंतनगर (संवाददाता : पंकज राठौर) इटावा। धार्मिक आस्था और सनातन धर्म की परंपराओं की गरिमा बनाए रखने के उद्देश्य से श्री गणेश सेवा समिति ने एक सराहनीय और प्रेरणादायक पहल की। कचौरा घाट बाई पास पर स्थित सिरहोल नहर पुल व हाइवे पर स्थित बने गंग नहर पुल के दोनों ओर तथा आसपास के क्षेत्र में बिखरी पड़ी देवी-देवताओं की मूर्तियों को एकत्र कर समिति ने विधि-विधान और श्रद्धा के साथ उनका गंग नहर में विसर्जन कराया।
कुछ श्रद्धालुओं द्वारा मूर्ति विसर्जन अधूरा छोड़ दिए जाने के कारण ये मूर्तियां नहर तट, पुल के दोनों किनारों, झाड़ियों और पेड़ों के बीच पड़ी हुई थीं, जो धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ सामाजिक व्यवस्था के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई थीं।
जानकारी मिलने पर श्री गणेश सेवा समिति के सदस्य संजय कुमार, जीतू सोनी, अभिषेक पोरवाल, सोमेश गुप्ता, अजेंद्र गौर, अनूप मोनू राठौर, विनय गुप्ता, प्रदीप कुमार, टीटू कौशल, छुन्नू, गोविंद, अभय, सोनू,राजेश सहित अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। सभी मूर्तियों को एकत्र कर पहले विधिवत पूजा-अर्चना की गई, इसके बाद सनातन परंपराओं के अनुसार उनका नहर में विसर्जन कराया गया। साथ ही मौके पर पड़ी पूजा सामग्री को एकत्र कर अग्नि प्रज्वलित कर ‘स्वाहा’ किया गया तथा पूरे क्षेत्र की साफ-सफाई कर उसे पूरी तरह स्वच्छ बनाया गया।

इस अवसर पर समिति पदाधिकारियों ने आमजन से अपील की कि सनातन धर्म में मूर्ति विसर्जन केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि धार्मिक कर्तव्य है। मूर्तियों को खुले में या जलस्रोतों के किनारे छोड़ना देवी-देवताओं के सम्मान के विपरीत होने के साथ पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को चाहिए कि वे मूर्ति विसर्जन निर्धारित स्थलों पर, नियमों और परंपराओं के अनुरूप करें। समिति की इस पहल की स्थानीय लोगों ने सराहना की और इसे सनातन संस्कृति, धार्मिक चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी का अनुकरणीय उदाहरण बताया।